मशरूम बहुत स्वादिष्ट होते हैं। ऐसे में आप घर में चाहे तो मशरूम की खेती हिंदी मे उपजाना सिख सकते हैं। याद रखें कि मशरूम का मूल्य बहुत अधिक है। इसकी खेती बहुत आसान है। इसे मिनटों में कम खर्च में लगा सकते हैं। हमारे देश में सबसे अधिक खेती की गई चार प्रकार के मशरूम हैं: पुआल मशरूम, ढिंगरी मशरूम, दूधिया या मिल्की मशरूम और बटन मशरूम।
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किसानों के लिए मशरूम की खेती कितना उपोयोगी हैं?
किसानों का रुझान पिछले कुछ वर्षों में मशरूम की खेती की ओर तेजी से बढ़ा है, जो एक बेहतर आमदनी बना सकता है। बस कुछ बातों का ध्यान रखना होगा, तो बाजार में अच्छी कीमत पर मशरूम मिल सकता है। मशरूम की खेती में लागत कम होती है, कम जगह और समय लगता है, और मुनाफा लागत से कई गुना अधिक मिलता है, इसलिए किसानों को राज्यों में अच्छा मुनाफा मिलता है। किसान मशरूम खेती में प्रशिक्षण किसी भी कृषि विज्ञान केंद्र या कृषि विश्वविद्यालय में ले सकते हैं।
मशरुम का उपयोग
मशरुम हजारों वर्षों से दुनिया भर में भोजन और औषध के रूप में उपयोग किया जाता है। ये स्वस्थ खाद्यों का एक बड़ा हिस्सा हैं और पोषण का भरपूर स्रोत हैं। मशरूमों में बहुत कम वसा होती है, विशेष रूप से प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट की तुलना में, और इसके वसायुक् त भाग में असंतप्तिकृत वसायुक् त अम् ल होते हैं, जिससे वे दिल को स्वस्थ रखने के लिए अच्छे भोजन हो सकते हैं। विभिन् न संस् कृतियों के बीच संप्रेषण और बढ़ते हुए उपभोक् तावाद ने मशरूम को हर जगह पहुँचाया है, हालांकि पहले मशरूम केवल कुछ क्षेत्रों में ही खाया जा सकता था। मशरूम तेजी से विभिन्न खाद्य पदार्थों और दैनिक भोजन में|
शरूम तेजी से विभिन् न खाद्य पदार्थों और दैनिक जीवन में लोकप्रिय हो रहे हैं। उसने रसोई में भी एक आम आदमी की जगह बना ली है। उपभोग की वर्तमान प्रवृत्ति मशरूम निर्यात में बढ़ते अवसरों को दिखाती है।
भारत में उगाई जाने वाली मशरूम की प्रजातियां
दुनिया भर में लगभग 10,000 प्रजातियां हैं, जिनमें से केवल 70 खेती के लिए अनुकूल हैं। पांच खाद्य मशरुमों की खेती भारत में व्यावसायिक स्तर पर की जाती है। इसका विवरण निम्नलिखित है: सफेद बटन मशरुम, ढींगरी (ऑयस्टर), दूधिया, पैडीस्ट्रा, शिटाके
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घर में मशरूम की खेती कैसे करें (सफेद बटन)?
- सरकार सफेद बटन मशरूम की खेती को बहुत प्रोत्साहित कर रही है।
- सफेद बटन मशरूम: सफेद बटन मशरूम पहले कम तापमान वाले स्थानों पर भारत में खेला जाता था, लेकिन आज नई तकनीकियों के साथ इसे अन्य स्थानों पर भी खेला जाता है।
- बटन मशरूम के कवक जाल को फैलाने के लिए 22 से 26 डिग्री सेल्सियस का तापमान चाहिए। यह तापमान कवक जाल को बहुत तेजी से फैलाता है। बाद में, 14-18 डिग्री सेल्सियस तापमान ही उचित होगा। इसे हवादार कमरे, सेड, हट या झोपड़ी में आसानी से उगाया जा सकता है।
- भारत में अधिकतर एस-11, टीएम-79 और होर्स्ट यू-3 सफेद बटन मशरुम उपभेदों की खेती की जाती है।
घर में बटन मशरूम उगाने के लिए सम्रागी
- कंपोस्ट खाद चाहिए।
- आप गेहूं के भूसे या धान का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- कम्पोस्ट बनाने के लिए भूसा चाहिए।
- आप सरसों के भूसा या धान की पराली का भी प्रयोग कर सकते हैं।
- कैल्शियम अमोनियम नाइट्रेट का उपयोग करना आवश्यक है।
Compost सामग्री कैसे बनाएं
- कम्पोस्ट बनाने के लिए भूसे को पक्के फर्श पर फैलाना होगा।
- दो से तीन दिनों तक इसमें निरंतर पानी डालना चाहिए।
- भूसे में नमी आने पर मशरूम के बीज अंकुरित होंगे।
बीजाई की प्रक्रिया
कुंजी आप कहीं भी मशरूम के बीज नहीं खरीदते। किसी अच्छी दुकान से ही इसे खरीदना चाहिए। बीज बहुत अधिक पुराना नहीं होना चाहिए। 100 किलों की कंपोस्ट में 2 किलो बीज पर्याप्त होगा। बीज को कंपोस्ट पर अच्छी तरह से फैलाएं। मशरूम की खेती हमेशा कमरे में करें। इसका बहुत अच्छा देखभाल करना होगा। मशरूम कुछ दिनों में तैयार हो जाएगा। अब आप इसे काट सकते हैं।
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ढ़ींगरी (ऑयस्टर) मशरूम
- पूरा वर्ष भर ढ़ींगरी (ऑयस्टर) मशरूम की खेती की जा सकती है।
- ढ़ींगरी (ऑयस्टर) मशरूम की खेती लिए सही तापमान २०-३० डिग्री सेंटीग्रेट और सापेक्ष आद्र्रता ७०-९० प्रतिशत होनी चाहिए।
- ढ़ींगरी (ऑयस्टर) मशरूम की खेती के लिए धान और गेहूं के भूसे और दानों का उपयोग किया जाता है।
- 2.5 से 3 महीने में यह मशरूम तैयार हो जाता है। इसे अब पूरे भारत में बनाया जा रहा है। ढ़ींगरी मशरूम की प्रत्येक प्रजाति को अलग-अलग तापमान चाहिए, इसलिए यह मशरुम हर समय उगाया जा सकता है।
- भारत में, दूधिया मशरूम को ग्रीष्म में होता हैं।
- यह बड़ा और आकर्षक होता है। यह पैडीस्ट्रा मशरूम की तरह गर्म है।
- उड़ीसा सहित इन राज्यों में मार्च से अक्तूबर तक दूधिया मशरूम की खेती के लिए अनुकूल जलवायु होगी। पैडीस्ट्रा मशरूम को कुछ राज्यों में किसानों की वरीयता के कारण अभी तक इसका व्यवसायीकरण नहीं किया जा सका।
- भारत में वर्तमान में पैडीस्ट्रा और शिटाके मशरूम की तरह दूधिया मशरूम भी लोगों को पसंद आ रहा हैं|
शिटाके मशरूम
- शिटाके मशरूम एक स्वादिष्ट भोजन है और साथ ही एक महत्वपूर्ण मशरूम है।
- व्यवसायिक और घरेलू दोनों उद्देश्यों के लिए इसे आसानी से उगाया जा सकता है। यह विश्व में कुल मशरूम उत्पादन में दूसरे स्थान पर है। शिटाके मशरूम बनावट और स्वाद में सफेद बटन मशरूम से बेहतर है।
- इसमें बहुत सारे उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन और विटामिन, खासकर विटामिन बी होते हैं।
- इसमें वसा और शर्करा नहीं होने के कारण यह हृदय रोगियों और मधुमेह वालों के लिए सर्वोत्तम है।
कैसे समझे की आपकी तैयार किया हुआ मशरूम की खेतीक लिए काम्पोस्ट सही हैं?
तैयार की गई कम्पोस्ट खाद गहरे भूरे रंग की होती है, जो अच्छी मशरूम खाद है। खाद में 60 से 65 प्रतिशत नमी होनी चाहिए। खाद में नाइट्रोजन का प्रतिशत लगभग १.७५ से २.२५ प्रतिशत होना चाहिए। खाद में अमोनिया गैस की गंध नहीं होनी चाहिए। खाद कीटों और रोगाणुओं से मुक्त होना चाहिए। खाद का pH 7.2–7.8 होना चाहिए।
FAQS
- मशरूम कितने दिन में तैयार होते हैं?
मशरूम बनने में लगवग २५ से ३० दिन से सुरू होता हैं और २ महीने तक चलता है।
2. मशरूम की खेती कब की जाती है?
कुछ मशरूम पूरा साल तक बनाया जा सकता हैं और कुछ मुशरूम निर्दिष्ट समय पर ही उगता हैं। जैसे की दूधिया मशरूम बास गर्मी के समय उगता है
3. मशरूम का बीज कितने रुपए किलो मिलता है?
ट्रायल के टाइम में 100 रुपए किलो के बीज से आप मशरूम की खेती शुरुआत कर सकते हैं